Karwa Chauth 2023 : हिन्दू धर्म में करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं. इस व्रत को बेहद कठिन माना जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं पूरा दिन निर्जला उपवास रखती हैं, और रात के समय चंद्रमा के दर्शन करने के बाद अपने पति के हाथों से पानी पीकर अपना उपवास खोलती हैं. इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर 2023 को रखा जाएगा. इस दौरान कई बार कुछ महिलाएं व्रत रखने के दौरान कुछ ऐसी गलतियां करती हैं. जिनकी उन्हें समझ नहीं होती. ऐसे में भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा कुछ ऐसी बातों को बताने वाले हैं, जिसका ध्यान आपको चांद देखने के समय रखना चाहिए.
1. माता गौरी की पूजा करना न भूलें
करवा चौथ के दिन माता गौरी का पूजन किया जाता है. महिलाओं को इस दिन अपने हाथों से माता गौरी के पूजन के दौरान उन्हें हलवा पूड़ी अर्पित करना चाहिए. चंद्रमा माता का कारक होता है, इसलिए इस दिन आपको अपनी माता, सास या किसी बड़े बुजुर्ग का अपमान भूलकर भी नहीं करना चाहिए. यदि आपके द्वारा ऐसा किया जाए तो यह व्रत सफल नहीं हो पाता है.
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2. सफेद वस्तु ना करें दान
करवाचौथ के व्रत वाले दिन चांद देखने से पहले किसी को भी दूध, दही, सफेद कपड़ा या अन्य कोई सफेद वस्तु दान में नहीं देनी चाहिए. अगर आपके घर में बच्चे हैं तो आप यह काम उनसे या घर में किसी और सदस्य द्वारा करवा सकते हैं, क्योंकि करवाचौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं का प्रतीक होता है. सफ़ेद रंग जिस तरह शादी के अवसर पर शुभ नहीं माना जाता. उसी प्रकार करवा चौथ पर भी सफेद रंग को शुभ नहीं मानते.
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3. बिना छलनी के चांद न देखें
करवा चौथ का व्रत महिलाएं छलनी से चांद देखकर समाप्त करती है. करवा चौथ का चांद हर बार देर से निकलता है. ऐसे मौके पर महिलाएं चांद निकलने का बेसब्री से इंतज़ार करती हैं, लेकिन करवा चौथ का चांद महिलाओं द्वारा नंगी आंखों से देखना अशुभ माना जाता है. इसी के चलते सुहागिन स्त्रियां चांद को छलनी की मदद से देखती हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 26, 2023, 16:23 IST