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Agni Panchak 2023: आज से लग रहा अग्नि पंचक, 5 दिनों में भूलकर भी न करें ये काम, हो सकता है नुकसान

आज 26 सितंबर दिन मंगलवार से अग्नि पंचक लग रहा है. आज से लेकर अगले 5 दिनों तक अग्नि पंचक रहेगा. इन 5 दिनों में कोई भी मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है. अग्नि पंचक को अशुभ माना जाता है, इस वज​​ह से शुभ कार्य करने से बचते हैं. अग्नि पंचक में एक दिन भद्रा का भी साया है. अग्नि पंचक में किन कार्यों को करने की मनाही है? इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव.

अग्नि पंचक कब से कब तक है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, अग्नि पंचक का प्रारंभ भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि से हो रहा है और इसका समापन आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को होगा. अग्नि पंचक 26 सितंबर से 30 सितंबर तक है. जो पंचक मंगलवार से शुरू होता है, उसे अग्नि पंचक कहते हैं.

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अग्नि पंचक का प्रारंभ और समापन समय?
26 सितंबर को रात 08:28 पी एम से अग्नि पंचक लग रहा है, जिसका समापन 30 सितंबर को रात 09:08 पी एम पर होगा.

26 सितंबर: अग्नि पचंक, रात 08:28 पी एम से
27 सितंबर: अग्नि पचंक, पूरे दिन
28 सितंबर: अग्नि पचंक, पूरे दिन
भद्रा: शाम 06:49 पी एम से 05:06 ए एम, 29 सितंबर
29 सितंबर: अग्नि पचंक, पूरे दिन
30 सितंबर: अग्नि पचंक, सुबह 06:13 ए एम से रात 09:08 पी एम तक.

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दिन के अनुसार कब कौन सा पंचक होता है?
मंगलवार दिन को शुरू होने वाला पचंक अग्नि पंचक कहलाता है.
शुक्रवार को प्रारंभ होने वाला पंचक चोर पंचक होता है.
शनिवार को शुरू हुआ पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है.
रविवार को प्रारंभ होने वाले पंचक को रोग पंचक कहते हैं.
सोमवार के दिन से लगने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है.

अग्नि पचंक में न करें ये 5 काम
1. अग्नि पचंक में आग से संबंधित कार्यों को करने की मनाही है.

2. अग्नि पचंक के प्रारंभ समय से नए चूल्हे को नहीं जलाना चाहिए.

3. यदि आप कोई हवन या फिर यज्ञ कर रहे हैं तो अग्नि पचंक में उसकी अग्नि न जलाएं.

4. पचंक में कोई शुभ कार्य करने की मनाही होती है.

5.पचंक में आप फर्नीचर, लकड़ी या लकड़ी से बनी वस्तुओं की खरीदारी न करें. पंचक में घर की छत न बनवाएं या उसकी मरम्मत भी न कराएं.

Tags: Dharma Aastha, Religion

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