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Bhadrapada Purnima 2023: भाद्रपद पूर्णिमा व्रत आज, पूजा-अर्घ्य से मिटेगा कुंडली का चंद्र दोष, 2 उपाय से खुश होंगी माता लक्ष्मी

आज 28 सितंबर गुरुवार को भाद्रपद पूर्णिमा व्रत है. आज व्रत रखकर सत्यनारायण भगवान, चंद्र देव और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. भाद्रपद पूर्णिमा का चंद्रमा आज शाम ही उदित होगा, कल आश्विन कृष्ण प्रतिपदा का चंद्रोदय होगा, इस वजह से भाद्रपद पूर्णिमा व्रत आज रखना उचित है क्योंकि इस व्रत में पूर्णिमा तिथि में उदित चंद्रमा की पूजा और अर्घ्य देने का विधान है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं भाद्रपद पूर्णिमा व्रत के पूजा मुहूर्त, चंद्र अर्घ्य समय और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के ज्योतिष उपाय.

भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2023 शुभ मुहूर्त
भाद्रपद पूर्णिमा तिथि की शुरूआत: आज, गुरुवार, शाम 06 बजकर 49 मिनट से
भाद्रपद पूर्णिमा तिथि की समाप्ति: कल, शुक्रवार, दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर
भाद्रपद पूर्णिमा पूजा मुहूर्त: शाम 06:49 बजे से रात 09:12 बजे तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: शाम 06:11 बजे से शाम 07:41 बजे तक
चर-सामान्य मुहूर्त: शाम 07:41 से रात 09:12 बजे तक

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चंद्रोदय: आज, शाम 05:42 पीएम पर
रवि योग: आज, 06:12 एएम से कल 01:48 एएम तक.
चंद्र अर्घ्य समय: शाम 05:42 बजे के बाद से

भाद्रपद पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि
भाद्रपद पूर्णिमा व्रत के दिन चंद्र देव और माता लक्ष्मी की पूजा शाम के समय में की जाएगी. चंद्रोदय होने पर चंद्र देव की पूजा करें और उनको दूध, जल और फूल से अर्घ्य दें. अर्घ्य के समय इस मंत्र गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते। गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥ का उच्चारण करें या फिर चंद्रमा के बीज मंत्र का 108 बार उच्चारण करें, उसके बाद अर्घ्य दें. यदि आप ऐसा करते हैं तो कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होगी और चंद्र दोष दूर होगा. चंद्रमा की पूजा के बाद पारण करके व्रत को पूरा करें.

भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2023 माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय
1. भाद्रपद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजा स्थान की अच्छे से साफ-सफाई करें. घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं और उस पर एक चौमुखा दीपक जलाएं. घर के मुख्य द्वार को खोलकर रखें. मान्यताओं के अनुसार, जो लोग इस प्रकार से माता लक्ष्मी का स्वागत करते हैं, उनके घर माता लक्ष्मी का वास होता है.

यह भी पढ़ें: कब है भाद्रपद पूर्णिमा? व्रत और स्नान अलग-अलग दिन, देखें मुहूर्त, सही तिथि और चंद्रोदय समय

2. भाद्रपद पूर्णिमा पर आप शाम के समय में पूजा के दौरान माता लक्ष्मी को मखाने की खीर या दूध से बनी सफेद मिठाई का भोग लगाना चाहिए. इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. आप चाहें तो माता लक्ष्मी को बताशे का भी भोग लगा सकते हैं.

Tags: Astrology, Dharma Aastha

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