Bikaner News: बाबा ने 3 साल तक एक पैर की तपस्या, फिर बनी 11 फुट काली माता की प्रतिमा
Bikaner News – बीकानेर में ऐसे तो कई मंदिर है लेकिन इन मंदिरो को लेकर अनोखी मान्यता और घटनाएं भी हैं. इनमें से एक ऐसा मंदिर है जो शहर के बाहर बना है. इस मंदिर में दर्शन के साथ सुकून से बैठने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. हम बात कर रहे है बीकानेर के सुजानदेसर स्थित काली माता मंदिर की. यह मंदिर करीब 25 साल पुराना है. कहा जाता है कि इस मंदिर में भक्त जो भी अपनी मनोकामना लेकर आते है वो पूरी होती है.
पुजारी ताराचंद गहलोत ने बताया कि इस मंदिर की खासियत ये है कि इस मंदिर में काली माता की प्रतिमा 4 या 5 फुट नहीं बल्कि 11 फुट 3 इंच की है. यह बीकानेर में ऐसा पहला काली माता मंदिर है जिसकी हाइट 11 फुट है. ऐसे में काली माता के दर्शन के लिए शहर के अलावा कलकत्ता, मुंबई सहित राजस्थान के कई शहरों से लोग आते हैं. यह मंदिर सुबह से शाम तक खुला रहता है. पुजारी ने बताया कि इस मंदिर में माता की मूर्ति बनाने में करीब डेढ़ साल का समय लग गया और यह मूर्ति पांच धातुओं से बनी हुई है.
तीन साल तक तपस्या
पुजारी ताराचंद के अनुसार हरियाणा के एक बाबा ने 25 साल पहले यहां एक पैर पर तीन साल तक तपस्या की. तपस्या के दौरान जब माता ने अपना स्थान मांगा तो बाबा ने इसी जगह को माता का मंदिर बना दिया. धीरे-धीरे यह मंदिर का स्वरूप बदलने लगा और यह मंदिर के चारों तरफ पेड़ पौधे लगे हुए है. जिससे शाम के समय लोग यहां दर्शन करने के बाद बैठते है.
मंदिर परिसर में माता के नौ रूप के अलावा कई मंदिर
पुजारी ने बताया कि काली माता मंदिर में सबसे पहले गणेश जी फिर नौ देवियों की प्रतिमा है. इनमें शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंद, महागौरी, सिद्धि दात्री, सती, सरस्वती, हनुमानजी, सीताराम, लक्ष्मण, महादेव व राधकृष्ण की प्रतिमा लगी हुई है. इसके अलावा यहां काला और गौरा भैरव की विशालकाय प्रतिमा है.
नवरात्रि और शनिवार को भरता मेला
पुजारी ने बताया कि इस मंदिर में नवरात्रि के नौ दिनों तक मेला लगता है. वहीं शनिवार के दिन भी यहां मेला जैसा माहौल रहता है.