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Bikaner News – शिक्षा मंत्री बोले- प्राइवेट स्कूलों में सरकारी से बेहतर मैनेजमेंट

Bikaner News – शिक्षा मंत्री बोले- प्राइवेट स्कूलों में सरकारी से बेहतर मैनेजमेंट

Bikaner News – शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने शुक्रवार को जयपुर के शिक्षा संकुल में राइट टू एजुकेशन (RTE) की लॉटरी निकली। इसके तहत प्रदेश के 37 हजार 345 प्राइवेट स्कूल में लगभग 2 लाख सीटों पर जरूरतमंद बच्चों को फ्री एडमिशन दिया जाएगा। इस दौरान शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सरकारी स्कूल के मैनेजमेंट को सुधारने की भी नसीहत दे डाली दी।

कल्ला ने कहा- हमारे पास बेहतर टीचर होते हुए भी हम सिर्फ कमजोर मैनेजमेंट की वजह से प्राइवेट स्कूलों को टक्कर नहीं दे पाते हैं। जबकि प्राइवेट स्कूलों में बेहतर तरीके से मैनेजमेंट किया जाता है। उन्होंने कहा कि हम सुपरविजन नहीं कर पाते हैं। जबकि हमारे पास वेल ट्रेंड स्टाफ है। जिन्हें फुल पेमेंट और सारी सुविधाएं दी जाती है।

मैनेजमेंट की कमियों की वजह से हम पूरा काम नहीं ले पाते हैं। जबकि प्राइवेट स्कूलों में हमारे से कम ट्रेंड टीचर्स है। वहीं, कई जगह तो टीचर्स को पूरा पेमेंट भी नहीं मिलता। वहां टीचर्स से कसकर काम लिया जाता है। इसकी वजह से लोगों में प्राइवेट स्कूल का क्रेज है। ऐसे में हमें भी अपने मैनेजमेंट में सुधार करना होगा।

इस दौरान शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा- राजस्थान में अब तक 9 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स राइट टू एजुकेशन स्कीम के तहत निशुल्क शिक्षा का लाभ ले चुके हैं। भविष्य में भी हम इसे जारी रखेंगे। ताकि जरूरतमंद बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा मिल सके।

बता दें कि इस बार प्रदेशभर के 5 लाख 38 हजार 579 स्टूडेंट्स ने अलग-अलग स्कूलों में एडमिशन के लिए 18 लाख से ज्यादा बार आवेदन किया था। इनमें इनमें 664 अनाथ, 363 कैंसर और एचआईवी प्रभावित, 478 निशक्तजन 40,183 बीपीएल और युद्ध विधवा के 1067 बच्चे भी शामिल हैं।

राइट टू एजुकेशन की प्रवेश प्रक्रिया में बड़े बदलाव

  • निजी स्कूल में प्री प्राइमरी 3 प्लस से लेकर पहली कक्षा तक एक साथ प्रवेश हो सकेंगे।
  • अभिभावकों को 5 निजी स्कूलों में एडमिशन की वरीयता भी बतानी होगी। इसके अलावा भी अन्य कई बड़े बदलाव किए गए हैं।
  • शिक्षा विभाग की प्रस्तावित गाइडलाइन के अनुसार एक साथ चार कक्षाओं में प्रवेश होंगे। इनमें पीपी 3 प्लस, पीपी 4 प्लस, पीपी 5 प्लस और कक्षा प्रथम में प्रवेश होंगे।
  • प्री प्राइमरी क्लासेज में राज्य सरकार ने पिछले सेशन के अंतिम महीने में RTE के तहत एडमिशन दिए थे। न्यायालय आदेश के चलते राज्य सरकार ने सत्र के अंतिम दिनों में एडमिशन करवाए।

लॉटरी में दिव्यांग व अनाथ को प्राथमिकता मिलेगी

प्रवेश के लिए निकाली जाने वाली लॉटरी में दिव्यांग और अनाथ बच्चों को प्राथमिकता मिलेगी। यानी इन बच्चों का सबसे पहले प्रवेश होगा। इसके बाद अन्य विद्यार्थियों को प्राथमिकता में रखा जाएगा। इससे पहले इन्हें प्राथमिकता नहीं दी जाती थी।

25 फीसदी सीटों पर मिलता है फ्री एडमिशन

आरटीई कानून के तहत प्राइवेट स्कूलों को अपने यहां एंट्री लेवल की कक्षा में कुल संख्या में से 25 फीसदी सीटों पर फ्री प्रवेश देना होगा। बाकी 75 प्रतिशत सीटों पर वे फीस लेकर प्रवेश दे सकते हैं। 25 फीसदी सीटों पर फ्री प्रवेश का भुगतान राज्य सरकार देती है। बच्चा जिस वार्ड या गांव का है उसे अपने क्षेत्र के निजी स्कूल में पहले प्राथमिकता दी जाती है। सीट खाली होने पर दूसरे वार्ड के बच्चे को प्रवेश दिया जाएगा।

ऑटो रिपोर्टिंग का सिस्टम लागू किया

लॉटरी के बाद अभिभावकों को 5 निजी स्कूलों में से किसी एक स्कूल में ऑनलाइन रिपोर्टिंग करनी होती है, लेकिन अभिभावक ऐसा करना भूल जाते हैं। इससे बचने के लिए विभाग ने इस बार ऑटो रिपोर्टिंग का सिस्टम लागू किया है।

स्कूल आब्जेक्शन कर सकेंगे, रिजेक्शन नहीं

दस्तावेज जांच में निजी स्कूल वाले दस्तावेजों पर केवल आपत्ति कर सकेंगे, दस्तावेज को रिजेक्ट नहीं कर सकेंगे। स्कूल की ओर से आपत्ति के बाद सीबीईओ देखेंगे कि स्कूल की तरफ से लगाई गई आपत्ति सही है या गलत। प्राइवेट स्कूल को सरकार पहली क्लास से आठवीं क्लास तक की फीस का पुर्नभुगतान कर रही है, जबकि प्री प्राइमरी क्लासेज में एडमिशन तो करवा रही है। फीस का भुगतान नहीं कर रही है। ऐसे में अभी जिन चार क्लासेज में एडमिशन हो रहा है। उसमें सिर्फ क्लाए एक की फीस ही सरकार देगी। जबकि शेष तीन क्लासेज का खर्च पूरी तरह प्राइवेट स्कूल को ही उठाना पड़ेगा।

बता दें कि राइट टू एजुकेशन (RTE) कानून के तहत प्राइवेट स्कूल्स में एडमिशन के तहत 29 मार्च से 10 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। जिसमें प्रदेशभर के 18 लाख 15 हजार 489 अभिभावकों ने अपने बच्चों के एडमिशन के लिए आवेदन किया था। वहीं लॉटरी के बाद सम्बंधित स्कूल में अभिभावक ऑनलाइन रिपोर्टिंग कर सकेंगे। इसके बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाएगा।

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