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father who raped his daughter for 5 years was imprisoned till his last breathcourt says killing such people is not sin – Rajasthan News: बेटी से 5 साल तक दुष्कर्म करने वाले पिता को आखिरी सांस तक कैद, कोर्ट ने कहा

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अपनी ही नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने वाले आरोपी कलयुगी पिता को पॉक्सो कोर्ट क्रम-3 ने अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपी पिता पर 10 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया है। वहीं सजा सुनाने के दौरान कोर्ट के जज दीपक दुबे ने रामचरितमानस की चौपाई भी लिखी है। तो वहीं पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत 10 लाख की आर्थिक सहायता की भी अनुशंसा की है। साल 2023 में उद्योग नगर थाने में पीड़िता की मां ने बेटी के साथ घिनौनी वारदात की शिकायत दी थी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया था। 

घर में अकेला देखकर किया बेटी से दुष्कर्म

अधिवक्ता ललित कुमार शर्मा ने बताया कि पीड़िता अपने परिवार के साथ निवास करती है और वो तीन बहन है। जिसमें पीड़िता सबसे बडी है। पीड़िता ने बयान में बताया कि उसकी एक बहन मां के साथ बाजार गई थी तो वहीं दूसरी बहन अखाड़ा खेलने गई थी। इस दौरान घर पर पीड़िता अकेली थी। इसी का फायदा उठाकर आरोपी पिता ने उसे पकड़ लिया और कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। मां के बाजार से वापस आने के बाद पीड़िता ने मां को सारी बात बताई। जिसके बाद मां और आरोपी मंे के बीच झगड़ा भी हो गया। लेकिन आरोपी पिता ने माफी मांग ली और गिड़गिडाने लगा।

14 साल की उम्र से कर रहा था दुष्कर्म

पीड़िता ने पुलिस को दिए गए अपने बयान में बताया कि वो जब 14 साल की थी तभी से उसका पिता उसके साथ दुष्कर्म कर रहा है। लेकिन बदनामी के डर से पीड़िता ने किसी को ये बात नहीं बताई थी। अपने पिता की हैवानियत की हदे पार होने के बाद पीड़िता ने बर्दाश्त नहीं हुआ और अपनी मां को सारी बात बता दी। वहीं पुलिस ने पीड़िता के 164 के बयान भी करवाए। वहीं कोर्ट में ट्रायल के दौरान 11 गवाहो के बयान के साथ 18 दस्तावेज पेश किए। जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी को सजा से दंडित कर दिया है।

सजा सुनाने के दौरान लिखी रामचरितमानस की चौपाई

जज दीपक दुबे ने आरोपी को सजा के सुनाने के साथ ही टिप्पणी करते हुए श्रीराम द्वारा बाली का वध करने के दौरान कही गई चौपाई को लिखा और कहा कि मरते समय बाली ने श्रीराम से पूछा कि आपने मेरा वध क्यों किया, तब श्री राम ने जो चौपाई बोली थी उसका अर्थ ये है कि छोटे भाई की पत्नी, बहन, पुत्र की पत्नी और अपनी पुत्री इन चारो में कोई अंतर नहीं है। किसी भी पुरूष के लिए ये एक समान होना चाहिए। इन पर अपनी गंदी नजर रखने वाला या इनका अपमान करने वाले का वध करना पाप की श्रेणी में नहीं आता है

योगेन्द्र महावर-कोटा

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