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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का राजनीतिक सफर बेहद रोचक रहा है। सीएम गहलोत ने तमाम चुनौतियों के बावजूद तीसरी बार सरकार चलाई है। गहलोत से पहले मोहन लाल सुखाड़िया राजस्थान के तीन बार सीएम रहे थे। सीएम गहलोत 1977 में सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। इस चुनाव में वे हार गए थे। गहलोत 1973 से 1979 तक कांग्रेस की छात्र विंग एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे। वे संजय गांधी के काफी करीबी माने जाते थे। गहलोत को राजनीति में लाने वालीं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में शरणार्थियों के बीच अच्छा काम कर रहे गहलोत से इंदिरा काफी प्रभावित थीं। इसलिए वो उन्हे राजनीति में लाई। बस तब से शुरू हुई गहलोत का सियासी सफर आज तक जारी है। गहलोत 5 बार सांसद रह चुके हैं। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने गहलोत की गांधी परिवार में ऐसी एंट्री करवाई की जो आज तक जारी है।
गांधी परिवार के साथ रिश्ते तर्क से परे
खुद सीएम अशोक गहलोत कहते रहे है कि गांधी परिवार के रिश्ते तर्क से परे है। अशोक गहलोत ने कहा, “मेरे और गांधी परिवार से रिश्ते के बारे में मैं यही कहूंगा कि विनोबा भावे ने एक बार कहा था कि उनके और गीता माता के संबंध तर्क से परे हैं… यही रिश्ता मेरा और गांधी परिवार का है… था, है और जिंदगी भर रहेगा।”राज्य के राजनीतिक परिदृश्य के बारे में सीएम अशोक गहलोत ने कहा, “19 अक्टूबर के बाद भी मेरे गांधी परिवार से रिश्ते वहीं रहेंगे, जो पिछले 50 साल से रहे हैं. ये मैं दावे के साथ कह सकता हूं।
1980 में बने पहली बार सांसद
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत 7वीं लोकसभा के लिए साल 1980 में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद बनें। उसके बाद जोधपुर संसदीय क्षेत्र से ही उन्होने 8वीं लोकसभा, 10वीं लोकसभा, 11वीं लोकसभा और 12वीं लोकसभा का चुनाव जीता।1999 में अशोक सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही विधायक चुने गए जिसके बाद 2003 और 2008 के विधानसभा चुनाव में भी गहलोत विधायक के तौर पर चुन कर आए। गहलोत सबसे पहले 1998 में मुख्यमंत्री चुने गए। इनका कार्यकाल 2003 तक चला। इसके बाद बीजेपी की सरकार राज्य में बनीं लेकिन 2008 के चुनाव में जब फिर कांग्रेस की वापसी हुई एक बार फिर गहलोत को ही राज्य की कमान सौंप दी गई। और अब वो तीसरी बार सीएम है। सीएम गहलोत 3 बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी नियुक्त हुए है। पार्टी महासचिव भी रह चुके है। राजस्थान के गृहमंत्री की कमान भी संभाल चुके हैं।