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Bhilwara News: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में 207 किलो वजन की रोटी बनाई गई है। इस रोटी को 1000 लोग खाएंगे। रोटी के साथ पंचकुटे की सब्जी भी परोसी जाएगी। इस महारोटी को देखने के लिए विभिन्न स्थानों से लोग पहुंचे हैं। दुनिया की सबसे बड़ी रोटी को भीलवाड़ा के हरिसेवा धाम के महामंडलेश्वर संत हंसराम की सेवा में रहकर बनाया गया है। राजस्थानी जनमंच अध्यक्ष कैलाश सोनी भी इस मुहिम से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस रोटी को करीब एक हजार लोगों को प्रसाद के रूप में दिया जाएगा। एक हजार किलो का तवा। इस महारोटी को बेलने के लिए 20 फीट लंबा बेलन इस्तेमाल किया गया।
12 हलवाई की टीम इस कार्य में जुटी
उल्लेखनीय है कि इससे पहले जामनगर (गुजरात) का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में करीब 145 किलोग्राम की रोटी बनाने का रिकॉर्ड है। अब इससे बड़ी रोटी भीलवाड़ा में बनाई गई। राजस्थानी जनमंच अध्यक्ष कैलाश सोनी ने बताया कि रविवार सुबह से इस रोटी को बनते देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई थी। ये तैयार होने के बाद अब इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए चैलेंज किया। 12 हलवाई की टीम इस कार्य में जुटी। रोटी 11 फीट व्यास। जबकि 70 एमएम मोटी। कैलाश सोनी के जन्मोत्वस पर यह अनूठी पहल की गई है।
रोटी बनाने की वीडियोग्राफी कराई गई
रोटी को तैयार करने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई। अब इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भेजा जाएगा। खास बात ये है कि इस रोटी को तीन राज्यों (राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र ) के हलवाइयों ने तैयार किया। इसके लिए दो दिनों से तैयारियां चल रही थीं।भीलवाड़ा शहर के हरिसेवा धाम में महामंडलेश्वर संत हंसराम के सानिध्य में करीब पांच घंटे में इसे बनाया गया। रविवार सुबह 10:30 बजे से आश्रम के पीछे बने मैदान में 22 लोगों ने मिलकर आटा गूंथना शुरू कर दिया था। दोपहर साढ़े 3 बजे तक ये रोटी सिककर तैयार हुई। इस रोटी को पकाने के लिए करीब 20 लीटर घी काम लिया गया।
2 घंटे गूंथने और बेलने में लगे थे
सुबह सबसे पहले हलवाइयों ने इसे गूंथना शुरू किया था। आटे के साथ इसमें मैदा और घी भी मिलाया गया था। पहले आटे को छोटे-छोटे हिस्सों में गूंथा गया था। इसके बाद गूंथे आटे को सीधे तवे पर ही बेला गया था। इसके बाद संतों के सानिध्य में वैदिक मंत्राेच्चार के साथ चूल्हे पर रोटी को सेंकने का प्रोसेस शुरू किया था।