बीकानेर से नहीं चली स्लीपर बसें, यात्री हुए परेशान:प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने कैबिनेट मिनिस्टर गोदारा को सौंपा ज्ञापन, बोले- सरकार समय दे
बीकानेर से देशभर के अनेक हिस्सों में जाने वाली स्लीपर बसों का चक्का जाम है। 200 से ज्यादा बसों का संचालन नहीं होने से हजारों की संख्या में यात्रियों को व्यक्तिगत वाहनों से या फिर रेल से सफर करना पड़ रहा हैं।
बीकानेर से दिल्ली के लिए फ्लाइट पहले ही बंद हो चुकी है। बीकानेर प्राइवेट बस ऑपरेटर यूनियन ने मांगों के संबंध में कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा के निवास पर पहुंचकर ज्ञापन दिया।
यूनियन के अध्यक्ष समुंदर सिंह ने बताया- बीकानेर से कोई भी स्लीपर बस रवाना नहीं की गई है। जो बसें शुक्रवार रात बीकानेर पहुंच गई, उन्हें यहीं रोक लिया गया है। यात्रियों को हो रही असुविधा के लिए खेद है, लेकिन इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार हैं।
बीकानेर की अधिकांश बसों को ऑपरेटर्स ने अपने डिपो में खड़ा कर दिया है। जिन मुद्दों पर सहमति नहीं बन पा रही है, उनमें बार-बार नियम विरुद्ध चालान काटने का मुद्दा सबसे बड़ा है। आरटीओ और पुलिस हर कहीं खड़े होकर चालान काट रही है। बसों का संचालन पूरी तरह से प्रभावित है। हड़ताल कब तक चलेगी, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।
यूनियन पदाधिकारी बोले- हमें समय दें सरकार यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा के अधिकतम साधनों का उपयोग किया गया है। कुछ और सुरक्षा साधन अपनाने हैं, तो यूनियन इसके लिए तैयार है। इसके लिए सरकार को दो से तीन महीने का समय देना होगा। अचानक से सभी काम नहीं हो सकते।
कैबिनेट मंत्री को सौंपा ज्ञापन यूनियन की ओर से कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा के निवास पर पहुंचकर ज्ञापन दिया। इस दौरान उन्हें आरटीओ अधिकारियों के चालान काटने की जानकारी दी गई। बार बार परेशान करने के कारण बसों का चलाना मुश्किल हो रहा है। मंत्री ने इस बारे में जल्द ही मुख्यमंत्री स्तर पर वार्ता करने का आश्वासन दिया है।
इन रूट पर ज्यादा परेशानी बीकानेर से जयपुर के लिए सबसे ज्यादा बसें संचालित होती है। इन बसों में सामान्य तौर पर साठ से सत्तर पैसेंजर होते हैं। बीकानेर में मिलन ट्रेवल्स, शर्मा ट्रेवल्स, करण महाराजा ट्रेवल्स, जैन ट्रेवल्स, राठौड़ ट्रेवल्स सहित अनेक ट्रेवल्स कंपनियों की बसें संचालित हो रही है।
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