विजय रूपाणी का लकी नंबर 1206: सौभाग्य से त्रासदी तक की कहानी

विजय रूपाणी का लकी नंबर 1206 उनके जीवन का प्रतीक था, लेकिन 12 जून 2025 की तारीख ने इसे त्रासदी में बदल दिया। जानिए कैसे एक दिन शुभ अंक उनकी आखिरी यात्रा से जुड़ा।

Jun 13, 2025 - 12:18
 0  41
विजय रूपाणी का लकी नंबर 1206: सौभाग्य से त्रासदी तक की कहानी

विजय रूपाणी का लकी नंबर 1206: गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का जीवन कई मायनों में प्रेरणादायक रहा। उनकी सादगी, समर्पण और नेतृत्व ने उन्हें जनता के बीच खास बनाया। लेकिन एक नंबर, 1206, जो उनके लिए हमेशा भाग्यशाली माना जाता था, उनके जीवन की आखिरी तारीख के साथ एक दुखद संयोग बन गया। यह ब्लॉग पोस्ट उस कहानी को बयां करती है, जो न केवल विजय रूपाणी के जीवन से जुड़ी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे किस्मत और संयोग कभी-कभी अप्रत्याशित मोड़ ले सकते हैं।

1206: एक शुभ अंक की शुरुआत

विजय रूपाणी के लिए 1206 कोई साधारण नंबर नहीं था। यह उनके जीवन का एक अभिन्न हिस्सा था, जिसे वह अपने सौभाग्य का प्रतीक मानते थे। उनकी पहली स्कूटी से लेकर कार तक, सभी वाहनों की नंबर प्लेट पर 1206 अंकित था। यहां तक कि उनके मोबाइल नंबर के अंत में भी यही अंक था। दोस्तों और करीबियों के अनुसार, यह नंबर उनके लिए एक विश्वास और सकारात्मकता का स्रोत था। चाहे वह राजकोट में उनकी शुरुआती जिंदगी हो या गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल (2016-2021), 1206 उनके साथ हमेशा रहा।

उनके परिवार और सहयोगियों के लिए यह नंबर उनकी जिंदगी का एक खास हिस्सा था। उनके घर के बाहर आज भी 1206 नंबर वाली कार और स्कूटर पार्क हैं, जो उनकी इस भावना को दर्शाते हैं। लेकिन, किसे पता था कि यही नंबर, जो उनके लिए सौभाग्य का प्रतीक था, एक दिन उनकी जिंदगी की सबसे दुखद तारीख के साथ जुड़ जाएगा।

12 जून 2025: एक दुखद संयोग

12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171, जो लंदन जा रही थी, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 265 लोगों की जान चली गई, जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे। वह अपनी पत्नी अंजलि और बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे। इस तारीख, 12/06, ने उनके लकी नंबर 1206 को एक त्रासदी में बदल दिया।

संयोग की बात यह थी कि इस हादसे से जुड़े कई पहलू 1206 और 12 से संबंधित थे:

  • तारीख: 12 जून (12/06), जो उनके लकी नंबर से मेल खाती थी।
  • सीट नंबर: विजय रूपाणी जिस सीट पर बैठे थे, उसका नंबर 12 था।
  • बोर्डिंग टाइम: उनकी फ्लाइट का बोर्डिंग टाइम दोपहर 12:10 बजे था।

ये संयोग न केवल उनके परिवार और समर्थकों के लिए, बल्कि पूरे गुजरात के लिए एक गहरे सदमे का कारण बन गए। X पर कई पोस्ट्स में लोगों ने इस दुखद संयोग पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं, जिसमें कहा गया कि “जिस नंबर से उनकी जिंदगी शुरू हुई, उसी पर उनकी जिंदगी खत्म हो गई।”

नियति का खेल: एक टाली गई यात्रा

पंजाब भाजपा प्रमुख सुनील जाखड़ के अनुसार, विजय रूपाणी को अपनी पत्नी के साथ 5 जून को लंदन जाना था, लेकिन लुधियाना पश्चिम उपचुनाव के प्रचार के लिए उन्होंने अपनी यात्रा 12 जून तक स्थगित कर दी। जाखड़ ने इसे नियति का क्रूर खेल बताया, यह कहते हुए कि अगर वह पहले चले गए होते, तो शायद यह हादसा टल सकता था। यह बात इस त्रासदी को और भी मार्मिक बनाती है, क्योंकि यह निर्णय, जो उनके कर्तव्यनिष्ठ स्वभाव को दर्शाता था, अनजाने में उनकी आखिरी यात्रा का कारण बन गया।

विजय रूपाणी: एक साधारण जीवन, असाधारण सेवा

विजय रूपाणी का जन्म 2 अगस्त 1956 को म्यांमार के यांगून में एक जैन परिवार में हुआ था। 1960 में राजनीतिक अस्थिरता के कारण उनका परिवार राजकोट आ गया, जहां से उनकी राजनीतिक यात्रा शुरू हुई। 2016 से 2021 तक गुजरात के 16वें मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने कई विकास परियोजनाओं, जैसे राजकोट एयरपोर्ट और AIIMS, को गति दी। उनके करीबी और स्थानीय निवासी उन्हें एक सादगी भरे नेता के रूप में याद करते हैं, जो हमेशा मदद के लिए तैयार रहते थे।

उनके निधन के बाद राजकोट में शोक की लहर छा गई। उनके घर के आसपास सन्नाटा पसर गया, और पड़ोसियों ने उनके घर के पास मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू कर दी। उनके परिवार, जिसमें उनकी पत्नी अंजलि और दो बच्चे हैं, ने इस दुखद समय में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन उनके भतीजे मेहुल रूपाणी ने बताया कि परिवार गहरे सदमे में है।

आपके विचार: क्या आप मानते हैं कि नंबर या संयोग हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं? अपनी राय कमेंट में साझा करें।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 1
Wow Wow 0