बैशाख पूर्णिमा 2025: बुद्ध जयंती की सही तारीख, महत्व और पूजा विधि जानें!”

बैशाख पूर्णिमा, हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह दिन भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण से जुड़ा हुआ है, जिसके कारण इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा, यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए भी विशेष माना जाता है। आइए, जानते हैं बैशाख पूर्णिमा 2025 की सही तारीख, इसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व, और इसे कैसे मनाया जाता है।
बैशाख पूर्णिमा 2025: सही तारीख और समय
बैशाख पूर्णिमा 2025 की तारीख है 11 मई 2025, रविवार। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण आभा में होगा, जो इसे आध्यात्मिक रूप से और भी शक्तिशाली बनाता है। पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि का समय निम्नलिखित है:
• पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 10 मई 2025, दोपहर 12:30 बजे (अनुमानित)
• पूर्णिमा तिथि समाप्त: 11 मई 2025, रात 11:45 बजे (अनुमानित)
नोट: सटीक समय और तिथि आपके स्थानीय पंचांग के अनुसार थोड़ी भिन्न हो सकती है। अतः अपने क्षेत्र के ज्योतिषी या पंचांग से समय की पुष्टि करें।
बैशाख पूर्णिमा का महत्व
बैशाख पूर्णिमा का महत्व हिंदू और बौद्ध धर्म में समान रूप से गहरा है। यह दिन कई कारणों से विशेष माना जाता है:
1. बुद्ध पूर्णिमा का महत्व: बैशाख पूर्णिमा को भगवान बुद्ध के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी (वर्तमान नेपाल) में गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। इसके अलावा, इसी दिन उन्हें बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई और कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण भी हुआ। इसलिए, बौद्ध अनुयायी इस दिन को वेसाक या बुद्ध जयंती के रूप में उत्साहपूर्वक मनाते हैं।
2. हिंदू धर्म में महत्व: हिंदू धर्म में बैशाख पूर्णिमा भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष मानी जाती है। इस दिन सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ और पूजा करने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से धन, सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
3. आध्यात्मिक महत्व: पूर्णिमा का चंद्रमा अपनी पूर्ण शक्ति में होता है, जो मन और आत्मा को शांति प्रदान करता है। इस दिन ध्यान, जप और दान-पुण्य करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है।
बैशाख पूर्णिमा कैसे मनाएं?
बैशाख पूर्णिमा को विशेष रूप से मनाने के लिए निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं:
1. स्नान और दान:
• सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी, सरोवर या घर पर ही स्नान करें।
• गरीबों, ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को दान देना शुभ माना जाता है। खासकर अन्न, वस्त्र, और धन का दान पुण्यकारी होता है।
2. पूजा और व्रत:
• भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। सत्यनारायण भगवान की कथा सुनें या पढ़ें।
• बौद्ध अनुयायी भगवान बुद्ध की मूर्ति की पूजा करते हैं और उनके उपदेशों का पाठ करते हैं।
• इस दिन व्रत रखने की भी परंपरा है। व्रत में सात्विक भोजन ग्रहण करें।
3. ध्यान और जप:
• इस दिन ध्यान और भगवान विष्णु या बुद्ध के मंत्रों का जप करें।
• विष्णु मंत्र: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
• बुद्ध मंत्र: बुद्धं शरणं गच्छामि
4. सामाजिक कार्य:
• बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन सामाजिक कार्यों जैसे रक्तदान, भोजन वितरण और जरूरतमंदों की सहायता में भाग लेते हैं।
बैशाख पूर्णिमा के दिन क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:
• सूर्योदय से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
• मंदिर जाएं या घर पर पूजा स्थल बनाएं।
• दान-पुण्य और जरूरतमंदों की मदद करें।
• सात्विक भोजन करें और क्रोध, नकारात्मकता से दूर रहें।
क्या न करें:
• मांस, मदिरा या तामसिक भोजन का सेवन न करें।
• किसी का अपमान या नकारात्मक विचार न लाएं।
• अनावश्यक खर्च या बहस से बचें।
बैशाख पूर्णिमा का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष शास्त्र में बैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन चंद्रमा वृश्चिक राशि में होता है, जो इसे आध्यात्मिक और मानसिक शांति के लिए शक्तिशाली बनाता है। इस दिन किए गए जप, तप और दान का फल कई गुना बढ़ जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा का वैश्विक उत्सव
बैशाख पूर्णिमा को न केवल भारत, बल्कि श्रीलंका, नेपाल, थाईलैंड, जापान, और अन्य बौद्ध देशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। बौद्ध मठों में विशेष प्रार्थनाएं, दीप प्रज्वलन, और ध्यान सत्र आयोजित किए जाते हैं। भारत में बोधगया, सारनाथ, और कुशीनगर जैसे स्थानों पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
निष्कर्ष
बैशाख पूर्णिमा 2025 एक ऐसा दिन है जो आध्यात्मिकता, शांति और भक्ति का संगम है। यह दिन न केवल भगवान बुद्ध के उपदेशों को याद करने का अवसर है, बल्कि भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का भी समय है। इस दिन को व्रत, पूजा, दान और ध्यान के साथ मनाकर आप अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि ला सकते हैं।
तो, इस 11 मई 2025 को बैशाख पूर्णिमा के पावन अवसर पर अपने मन को शुद्ध करें और इस दिन के महत्व को अपने जीवन में उतारें। अगर आपके पास इस दिन से जुड़ी कोई विशेष परंपरा या अनुभव है, तो उसे हमारे साथ साझा करें!
ध्यान दें: यदि आप इस दिन कोई विशेष पूजा या अनुष्ठान करना चाहते हैं, तो अपने स्थानीय पंडित या ज्योतिषी से सलाह लें।
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