मंत्री का ऑफिस नहीं गिरता, लेकिन टूटते हैं सिर्फ स्कूल, हॉस्पिटल और पुल – क्यों?

हमेशा स्कूल, हॉस्पिटल, पुल और सड़कें ही क्यों गिरती हैं? मंत्री या कलेक्टर के ऑफिस क्यों नहीं? जानिए सिस्टम की सच्चाई और जनता से जुड़े बुनियादी ढांचे की अनदेखी के पीछे का सच।

Jul 27, 2025 - 14:32
Jul 27, 2025 - 14:44
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मंत्री का ऑफिस नहीं गिरता, लेकिन टूटते हैं सिर्फ स्कूल, हॉस्पिटल और पुल – क्यों?
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कलेक्टर और मंत्री का ऑफिस नहीं गिरता, लेकिन टूटते हैं सिर्फ स्कूल, हॉस्पिटल और पुल – क्यों?

जब भी कोई इमारत गिरती है, तो वह स्कूल होती है, हॉस्पिटल होती है, या फिर कोई पुल… मंत्री जी का ऑफिस क्यों नहीं गिरता?

भारत में आए दिन किसी न किसी सरकारी स्कूल की छत गिरने की खबर आती है। कहीं हॉस्पिटल की दीवार ढह जाती है, कहीं पुल उद्घाटन के चंद दिन बाद ही टूट जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी मंत्री जी का दफ्तर गिर गया? या कलेक्टर का कार्यालय ढह गया?

शायद नहीं। और यही सवाल है – क्यों?

कमजोर इमारतें – कमजोर सोच की निशानी

जब सरकारी योजनाओं के बजट में कटौती होती है, सबसे पहले प्रभाव पड़ता है स्कूलों, हॉस्पिटल्स और पुलों पर। घटिया सामग्री, लापरवाही और जीरो जवाबदेही – यही बन चुकी है हमारे पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की पहचान।

  • स्कूलों की छतें बच्चों के सिर पर गिरती हैं
  • हॉस्पिटल की दीवारें मरीजों को घायल करती हैं
  • पुल बह जाते हैं, और सड़कें हर बारिश में टूट जाती हैं

तो मंत्री और अफसरों के ऑफिस क्यों नहीं गिरते?

  • क्योंकि वहाँ निर्माण में गुणवत्ता प्राथमिकता होती है
  • वहाँ बजट में कटौती नहीं होती
  • मरम्मत और देखरेख नियमित होती है
  • वहाँ VIP बैठते हैं – आम जनता नहीं

जब संसद भवन नहीं गिरा, तो नया क्यों बना?

2023 में भारत की संसद को नया रूप दिया गया, वो भी तब जब पुरानी बिल्डिंग मजबूत थी। करोड़ों रुपये की लागत से नई इमारत बन गई – लेकिन उसी देश में हजारों स्कूल और हॉस्पिटल गिरने की हालत में हैं। यह विडंबना नहीं, जनता के टैक्स की प्राथमिकता का आईना है।

मीडिया की चुप्पी क्यों?

जब कोई मंत्री जन्मदिन मनाते हैं, तो वह खबर बनती है। लेकिन जब कोई पुल टूटता है या कोई स्कूल गिरता है – वह सुर्खियों में नहीं आता। मीडिया को अब VIP की बजाय आम जनता के मुद्दों पर ध्यान देना होगा।

अब सवाल पूछिए – ये आपका हक है!

अगर आपके गांव में स्कूल की छत जर्जर है, हॉस्पिटल की दीवारें गिरने की कगार पर हैं, या पुल उद्घाटन के बाद ही टूटने लगे हैं – तो अब चुप मत रहिए:

  • RTI के ज़रिए जवाब मांगिए
  • जनप्रतिनिधियों से खुलकर सवाल कीजिए
  • लोक निर्माण विभाग से हिसाब लीजिए
  • सोशल मीडिया पर आवाज़ उठाइए
क्यों सिर्फ गरीब का स्कूल और हॉस्पिटल गिरता है? मंत्री जी की कुर्सी क्यों नहीं डोलती?

जब स्कूल, हॉस्पिटल और पुल गिरते हैं – तो वो सिर्फ ईंट और सीमेंट नहीं, भरोसा और भविष्य भी गिरता है ।

📢 आपकी राय जरूरी है!

क्या आपके क्षेत्र में कभी ऐसा हादसा हुआ है? नीचे कमेंट करें या हमें बताएं। इस पोस्ट को शेयर करें, ताकि और लोग भी जागरूक हो सकें।

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