पूगल में सोलर प्लांट की आड़ में खेजड़ी के पेड़ों की कटाई, पर्यावरण पर गंभीर चोट
बीकानेर के पूगल क्षेत्र में सोलर प्लांट निर्माण के दौरान रात के अंधेरे में खेजड़ी के 8–10 वृक्ष काटे गए। यह राजस्थान के राज्य वृक्ष के खिलाफ एक गंभीर पर्यावरणीय अपराध है। प्रशासनिक चुप्पी पर उठ रहे हैं सवाल।

पूगल (बीकानेर), 8 जुलाई: राजस्थान के शुष्क रेगिस्तानी क्षेत्र में एक ओर जहां पर्यावरण संरक्षण की नीतियां बन रही हैं, वहीं दूसरी ओर पूगल क्षेत्र के भानीपुरा और बंदरवाला गांवों के बीच, एक सोलर प्लांट परियोजना के चलते पर्यावरण पर गहरी चोट पहुंचाई गई है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, बीती रात अल्फ़्नर कंपनी के सोलर प्रोजेक्ट स्थल पर राज्य वृक्ष खेजड़ी के लगभग 8 से 10 पेड़ों की अवैध कटाई की गई। यह घटना न केवल कानूनी दृष्टि से गंभीर है, बल्कि यह स्थानीय जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र पर भी सीधा हमला है।
खेजड़ी को राजस्थान का राज्य वृक्ष घोषित किया गया है और इसे काटना वन संरक्षण अधिनियम 1980 और स्थानीय पर्यावरणीय नियमों के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।
हालांकि अभी तक वन विभाग या जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इलाके में इस कार्रवाई को लेकर आक्रोश फैल रहा है।
पर्यावरण कार्यकर्ताओं और स्थानीय ग्रामीणों ने कंपनी पर कार्यवाही की मांग करते हुए कहा है कि “सौर ऊर्जा जरूरी है, लेकिन पर्यावरण की कीमत पर नहीं।”
प्रश्न उठता है — क्या अल्फ़्नर कंपनी को वृक्ष काटने की अनुमति दी गई थी? यदि नहीं, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है?
प्रशासनिक चुप्पी और गैर-जवाबदेही इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा देती है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो राजस्थान की हरियाली इतिहास बन सकती है।
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