जैसलमेर में स्कूल गेट गिरने से 7 साल के छात्र की मौत, टीचर गंभीर घायल
जैसलमेर के पूनमनगर गांव में बड़ा हादसा, स्कूल गेट का पिलर गिरने से 7 साल के मासूम छात्र तालब खान की मौके पर मौत, शिक्षक अशोक सोनी गंभीर घायल। ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।

जैसलमेर में स्कूल गेट गिरने से 7 साल के छात्र की मौत, टीचर गंभीर घायल
Bikaner News | जैसलमेर — जैसलमेर जिले के पूनमनगर गांव में सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। गांव के प्राथमिक विद्यालय में तेज हवा के चलते स्कूल गेट का एक पिलर भरभराकर गिर गया, जिससे 7 वर्षीय छात्र तालब खान की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के वक्त वह स्कूल से बाहर निकल रहा था।
इस हादसे में एक शिक्षक अशोक सोनी भी गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया गया है कि उनके दोनों पैरों में फ्रैक्चर आया है और उन्हें तुरंत राजकीय अस्पताल में रेफर किया गया। हादसे के बाद स्कूल परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
छात्र तालब खान की मां खेतु बेटे की मौत की खबर सुनते ही घटनास्थल पर बेहोश होकर गिर पड़ीं। उनकी स्थिति भी नाजुक बताई जा रही है। इसके अलावा दो अन्य छात्र—प्रिया और केसरीमल को भी इस हादसे में चोटें आई हैं।
तीन साल पहले हुआ था गेट क्षतिग्रस्त, शिकायतों के बावजूद अनदेखी
ग्रामीणों ने बताया कि तीन साल पहले एक वाहन की टक्कर से स्कूल गेट का पिलर कमजोर हो गया था। कई बार प्रशासन को इसकी मरम्मत के लिए कहा गया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। आज इसी लापरवाही ने एक मासूम की जान ले ली।
प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी, मौके पर पहुंचे कलेक्टर और विधायक
हादसे के बाद सैकड़ों ग्रामीण स्कूल में जमा हो गए और प्रशासन व शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मौके पर पहुंचे जिला कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत ने घटनास्थल का जायजा लिया। वहीं, विधायक छोटू सिंह भाटी और एसपी अभिषेक शिवहरे भी मौके पर पहुंचे।
कलेक्टर ने इस घटना को बेहद दुखद बताया और तत्काल जांच के आदेश दिए। विधायक भाटी ने कहा कि "इस हादसे के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा। सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
ग्रामीणों की मांग: दोषियों को निलंबित कर दें मुआवजा
गांव के लोगों ने प्रशासन से दोषी अधिकारियों को तुरंत निलंबित करने और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।
यह हादसा फिर एक बार शिक्षा संस्थानों में बुनियादी ढांचे की लापरवाही और प्रशासन की अनदेखी को उजागर करता है।
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