PNB घोटाला: नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी की अमेरिका में गिरफ्तारी, भारत के लिए बड़ी सफलता!
नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी को अमेरिका में प्रत्यर्पण प्रक्रिया के तहत गिरफ्तार किया गया है। यह भारत की जांच एजेंसियों ED और CBI की बड़ी सफलता मानी जा रही है। जानिए पूरा मामला।

PNB घोटाला: नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी की अमेरिका में गिरफ्तारी, भारत के लिए बड़ी सफलता!
नई दिल्ली: भारत के बहुचर्चित PNB घोटाले में जांच एजेंसियों को एक बड़ी सफलता मिली है। नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी को अमेरिका में 4 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी भारत की प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की संयुक्त अपील के बाद की गई है। अमेरिका के न्याय विभाग ने प्रत्यर्पण प्रक्रिया के तहत नेहल को हिरासत में लिया है।
नेहल मोदी के खिलाफ क्या हैं आरोप?
नेहल मोदी पर दो गंभीर आरोप हैं, जिनके आधार पर उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की गई है:
- अपने भाई नीरव मोदी को करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी में मदद करना।
- शेल कंपनियों और अंतरराष्ट्रीय लेन-देन के जरिए अवैध धन को छिपाना।
ED और CBI का आरोप है कि नेहल मोदी ने अपने भाई नीरव के लिए ऐसे नेटवर्क खड़े किए, जिससे हजारों करोड़ की अवैध कमाई को सफेद किया जा सके। ये काम फर्जी कंपनियों और विदेशों में ट्रांसफर के जरिए किया गया।
नीरव मोदी पहले से है ब्रिटेन में अरेस्ट
गौरतलब है कि मुख्य आरोपी नीरव मोदी पहले से ही ब्रिटेन की जेल में है और वहां उसकी प्रत्यर्पण प्रक्रिया चल रही है। अब उसके भाई नेहल की गिरफ्तारी के बाद मामला और मजबूत हो गया है।
अमेरिका में 17 जुलाई को होगी सुनवाई
नेहल मोदी की अगली कोर्ट सुनवाई 17 जुलाई 2025 को होगी। इसमें स्टेटस कॉन्फ्रेंसजमानत याचिका दायर की जा सकती है, जिसका अमेरिकी अभियोजन पक्ष विरोध करेगा।
भारत की कूटनीतिक और कानूनी जीत
इस गिरफ्तारी को भारत सरकार की एक बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। अमेरिका की ओर से कार्रवाई यह दर्शाती है कि भारत की जांच एजेंसियों की साख और प्रमाण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किए जा रहे हैं। यदि प्रत्यर्पण पूरा होता है, तो यह पीएनबी घोटाले में अब तक की सबसे बड़ी सफलता मानी जाएगी।
क्या था PNB घोटाला?
साल 2018 में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में करीब 13,000 करोड़ रुपये का घोटाला उजागर हुआ था। इसमें नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का नाम सामने आया। ये दोनों ही भारत से फरार हो गए थे। इस घोटाले ने भारतीय बैंकिंग व्यवस्था की पारदर्शिता और नियंत्रण पर सवाल खड़े कर दिए थे।
नेहल मोदी की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट है कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कड़ा रुख अपना रहा है। अगर यह प्रत्यर्पण सफल होता है तो यह आने वाले समय में अन्य भगोड़ों के लिए कड़ा संदेश साबित होगा।
यह पोस्ट वित्तीय अपराध, बैंकिंग फ्रॉड, और अंतरराष्ट्रीय कानून में रुचि रखने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट है।
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