राजस्थान : कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा का स्पीकर पर तीखा हमला, कहा-ऐसे व्यक्ति को डूब मरना चाहिए
Rajasthan News: कांग्रेस ने वोट चोरी अभियान को मिशन मोड में चलाया, विधानसभा में लगाए गए कैमरों को लेकर आरोपों की समीक्षा। अशोक गहलोत, डोटासरा और जूली के बयान।

Rajasthan News: कांग्रेस का वोट चोरी अभियान और विधानसभा कैमरा विवाद
राजस्थान की सियासत इन दिनों दो बड़े मुद्दों पर केंद्रित है। पहला, कांग्रेस का संगठन मज़बूत बनाने और “वोट चोरी” के खिलाफ अभियान को मिशन मोड में चलाने की रणनीति, और दूसरा, विधानसभा में कैमरों की जासूसी को लेकर उठे गंभीर आरोप। शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक और नेताओं के बयानों ने प्रदेश की राजनीति को और गरमा दिया।
कांग्रेस की समीक्षा बैठक
प्रदेश प्रभारी सुखजिंद्र सिंह रंधावा की अगुवाई में कांग्रेस की बड़ी समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक दो चरणों में बंटी:
- पहला चरण: सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक, जिसमें सभी जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी और संभाग प्रभारी शामिल हुए।
- दूसरा चरण: शाम 4 बजे से शुरू हुआ, जिसमें विधानसभा सीटों पर नियुक्त सभी कोऑर्डिनेटर जुड़े।
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली मौजूद रहे। इस दौरान संगठन की मजबूती, विधानसभा से लेकर बूथ स्तर तक की रणनीति और “वोट चोरी” के खिलाफ अभियान पर गहन मंथन हुआ। कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि “वोट चोर गद्दी छोड़” अभियान को प्रदेश स्तर पर विशेष प्राथमिकता दी जाएगी और सभी पदाधिकारियों को खास टारगेट दिए जाएंगे।
डोटासरा का हमला: “ऐसे व्यक्ति को डूब मरना चाहिए”
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की महिला विधायकों पर हिडन कैमरे लगाए गए, ताकि यह देखा जा सके कि वे कैसे कपड़े पहनती हैं, कैसे बैठती हैं और क्या बातें करती हैं। डोटासरा ने कहा, “विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष से इन कैमरों का एक्सेस दिया गया है। ऐसे व्यक्ति को तो डूब कर मर जाना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि स्पीकर तानाशाह और हिटलर बनने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा के विधायकों द्वारा सदन की मर्यादा भंग करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे स्पष्ट है कि भाजपा लोकतंत्र की गरिमा तोड़ रही है।
नेता प्रतिपक्ष जूली का आरोप: “सबूत मिटाए जा रहे हैं”
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा कैमरा प्रकरण को बड़ा मुद्दा बताते हुए कहा कि सरकार और स्पीकर इस पर घबराए हुए हैं। जूली ने आरोप लगाया कि कैमरों की कीमत 18.5 लाख रुपये बताई जा रही है। हार्ड डिस्क और अन्य सबूत नष्ट किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हमारे पास पक्के फोटो और सुबूत हैं कि कैमरों के तार स्पीकर कक्ष से जोड़े गए और बाद में हटाने की कोशिश की गई। मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।”
अशोक गहलोत का बयान
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस पूरे प्रदेश में गांव-गांव, ढाणी-ढाणी, पंचायत और बूथ स्तर तक जाएगी। हस्ताक्षर अभियान के जरिए लोगों तक “वोट चोरी” की सच्चाई पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा, “अगर लोगों का वोट ही चोरी हो गया तो उनके अधिकार का क्या होगा? यह लोगों का जागरण जरूरी है।”
गहलोत ने विधानसभा में लगाए गए कैमरों को विपक्ष की जासूसी की साजिश बताया और कहा कि यह पूरी तरह असंवैधानिक है।
राजस्थान की सियासत फिलहाल कांग्रेस के संगठन सशक्तिकरण और विधानसभा कैमरा विवाद के इर्द-गिर्द घूम रही है। नेताओं के बयानों और उठाए गए आरोपों से राजनीतिक हलचल बढ़ी है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गर्माया सकता है, खासकर विधानसभा और बूथ स्तर पर सक्रिय अभियान के चलते।
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