Rajasthan BPL Families: राजस्थान में गरीबी हटाने की नई मुहिम, 5 हजार गांवों में शुरू हुई बड़ी योजना
राजस्थान सरकार ने BPL परिवारों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीब मुक्त गांव योजना शुरू की है। जानिए कैसे 5 हजार गांवों में चरणबद्ध तरीके से मिलेगा रोजगार, आवास और ₹1 लाख तक की मदद।

Rajasthan BPL Families के लिए आई बड़ी खुशखबरी
राजस्थान सरकार ने गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीब मुक्त गांव योजना के तहत अब बीपीएल परिवारों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने की पूरी योजना बनाई गई है।
2002 की बीपीएल जनगणना के अनुसार, राजस्थान में लगभग 22 लाख परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। इन्हीं परिवारों के उत्थान के लिए बजट 2025-26 के अंतर्गत चर्चा बिंदु संख्या 42 में इस योजना की घोषणा की गई है।
🏡 योजना का पहला चरण: 5 हजार गांव होंगे शामिल
योजना के पहले चरण में कम BPL परिवारों वाले 5,000 गांवों को चुना गया है। इन गांवों में:
- केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं से बीपीएल परिवारों को सीधे जोड़ा जाएगा
- चरणबद्ध तरीके से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मार्गदर्शन किया जाएगा
- योजना को लागू करने के लिए ₹300 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है
यह योजना 1 अप्रैल 2025 से राज्यभर में लागू की जा चुकी है।
🔍 BPL परिवारों की पहचान और सर्वे कार्य
जिला कलेक्टरों द्वारा गांवों और परिवारों का सर्वे इस महीने के अंत तक पूरा किया जाएगा। चिन्हित बीपीएल परिवारों को:
- आत्मनिर्भर परिवार कार्ड मिलेगा
- 15 सामाजिक-आर्थिक मानकों को पूरा करने हेतु सहायता
- ₹21,000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी
💸 हर BPL परिवार पर ₹1 लाख खर्च करेगी सरकार
राज्य सरकार की योजना के अनुसार, प्रत्येक BPL परिवार पर लगभग ₹1 लाख खर्च किया जाएगा। इसका उद्देश्य है:
- स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना
- आजीविका के नए स्रोतों से जोड़ना
- विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से सीधा लाभ दिलाना
महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान
इन परिवारों की महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जोड़ा जाएगा। साथ ही:
- ₹15,000 तक की कार्यशील पूंजी दी जाएगी
- प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत पक्के घर
- शौचालय, उज्ज्वला योजना गैस कनेक्शन
- बच्चों को छात्रवृत्ति
योजना के अंतर्गत कुल 102 योजनाओं को समन्वित किया जाएगा।
Rajasthan BPL Families के लिए शुरू की गई यह योजना ना सिर्फ आर्थिक रूप से उन्हें सक्षम बनाएगी, बल्कि सामाजिक सम्मान और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक मजबूत कदम है। यदि यह योजना अपेक्षित ढंग से क्रियान्वित होती है, तो यह राजस्थान को गरीबी मुक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
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