राजस्थान कांग्रेस में वापसी की खींचतान – पूर्व मंत्रियों की एंट्री पर सस्पेंस क्यों?
राजस्थान कांग्रेस में कुछ पूर्व नेताओं की घर वापसी की कोशिशें जारी हैं, लेकिन प्रदेश प्रभारी रंधावा के सख्त रुख के कारण मामला फंसा हुआ है। जानिए पूरी अंदरूनी कहानी।

राजस्थान कांग्रेस में वापसी की खींचतान – पूर्व मंत्रियों की एंट्री पर सस्पेंस क्यों?
जयपुर, 25 जून 2025: राजस्थान की राजनीति में कांग्रेस फिर से सुर्खियों में है। पूर्व मंत्री अनीम खान और मेवाराम जैन जैसे पुराने नेताओं की कांग्रेस में वापसी को लेकर हलचल तेज है, लेकिन पार्टी के भीतर ही गुटबाज़ी और असहमति के चलते मामला अटकता नजर आ रहा है।
🧾 कौन-कौन नेता वापसी के इच्छुक?
- अनीम खान: कभी अशोक गहलोत के करीबी रहे, अब पार्टी में वापसी के लिए सक्रिय।
- मेवाराम जैन: बाड़मेर के वरिष्ठ नेता, कांग्रेस के पुराने सहयोगी।
- अन्य 7 से 8 पूर्व विधायक और जिला स्तर के नेता भी बातचीत में शामिल हैं।
🚫 रंधावा का सख्त रुख क्यों?
प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा का स्पष्ट कहना है कि पार्टी में "घुसपैठ" नहीं चलेगी। उनका रुख है कि जिन नेताओं ने चुनाव से पहले पार्टी छोड़ी या बगावत की, उन्हें "बिना आत्ममंथन और सार्वजनिक क्षमा के" स्वीकार नहीं किया जा सकता।
“पार्टी के सिद्धांतों से खेलने वालों को केवल हार के बाद वापसी की इजाजत नहीं दी जा सकती।” – रंधावा
🔁 पायलट खेमे का भी विरोध
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और उनके समर्थक भी इन नेताओं की वापसी पर नाराज़ हैं। उनका कहना है कि ये वही चेहरे हैं जिन्होंने पायलट को हटाने में भूमिका निभाई थी, और अब अपनी सीट बचाने के लिए फिर लौटना चाहते हैं।
📊 क्या इससे कांग्रेस को नुकसान होगा?
- यदि पुराने नेताओं की वापसी को लेकर पार्टी दो भागों में बंटी रही, तो इसका 2028 विधानसभा चुनावों में नुकसान तय है।
- पार्टी कार्यकर्ताओं में भ्रम और अस्थिरता का माहौल बन सकता है।
📍 अब आगे क्या?
जल्द ही कांग्रेस हाईकमान इस मुद्दे पर फैसला ले सकता है। यदि केंद्रीय नेतृत्व हरी झंडी देता है तो वापसी संभव है, नहीं तो राजस्थान कांग्रेस में और दरारें उभर सकती हैं।
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रिपोर्ट: अब तक भारत न्यूज़ डेस्क
तारीख: 25 जून 2025
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