सरकारी दफ्तर में ‘डांस पार्टी’: जनता के टैक्स से वेतन, और मस्ती का मज़ा?

राजस्थान रोडवेज के भरतपुर और लोहागढ़ डिपो के दो प्रशासनिक अधिकारी सरकारी दफ्तर में डांस और मस्ती करते कैमरे में कैद हो गए। वीडियो वायरल होते ही दोनों को एपीओ कर कार्रवाई शुरू की गई। पूरा मामला जानिए।

Nov 13, 2025 - 16:24
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सरकारी दफ्तर में ‘डांस पार्टी’: जनता के टैक्स से वेतन, और मस्ती का मज़ा?

सरकारी दफ्तर बना मनोरंजन का अड्डा

राजस्थान रोडवेज के दो डिपो कार्यालयों में कार्यरत प्रशासनिक अधिकारी सुनील कुमार और महिला अधिकारी गायत्री देवी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। वीडियो में दोनों सरकारी दफ्तर में डांस करते और आपस में मस्ती करते दिखाई दे रहे हैं। यह पूरा घटनाक्रम रोडवेज के दफ्तर में हुआ, जिससे पूरे विभाग में हड़कंप मच गया।

भरतपुर और लोहागढ़ डिपो के अधिकारी

मिली जानकारी के अनुसार, सुनील कुमार भरतपुर डिपो में प्रशासनिक अधिकारी हैं, जबकि गायत्री देवी लोहागढ़ डिपो में तैनात हैं। दोनों के दफ्तर पास-पास हैं और अक्सर साथ देखे जाते हैं। वायरल क्लिप में देखा जा सकता है कि सुनील कुमार जोर-जोर से गाना गाते हुए डांस कर रहे हैं, जबकि गायत्री देवी मोबाइल से वीडियो बनाते हुए उन्हें चिढ़ा रही हैं।

वीडियो में ‘रासलीला’ का नजारा

एक और क्लिप में गायत्री देवी सुनील कुमार को सजाने-संवारने लगती हैं। वह उन्हें लाल चुनरी ओढ़ाती हैं, माथे पर तिलक लगाती हैं और यहां तक कि लिपस्टिक भी लगा देती हैं। दोनों पूरी तरह मस्ती में डूबे दिखाई देते हैं, मानो किसी उत्सव का जश्न मना रहे हों।

सोशल मीडिया पर हंगामा और मीम्स की बाढ़

जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर पहुंचा, लोगों ने इसे हाथों-हाथ लिया। किसी ने कहा, “ये दफ्तर है या डांस बार?” तो किसी ने लिखा, “सरकारी तनख्वाह पर मनोरंजन!” ट्विटर और फेसबुक पर इस वीडियो को लेकर मज़ाक और मीम्स की बाढ़ आ गई। कुछ लोगों ने इसे सरकारी सिस्टम की गिरती मर्यादा बताया।

विभाग ने लिया सख्त एक्शन

10 नवंबर को ही राजस्थान रोडवेज के उप महाप्रबंधक ने दोनों अधिकारियों को तुरंत कार्यमुक्त कर दिया। उन्हें एपीओ (Awaiting Posting Orders) कर दिया गया है। विभाग ने इसे सरकारी गरिमा के खिलाफ बताया और जांच के आदेश जारी किए हैं। सूत्रों के अनुसार, अनुशासनात्मक कार्रवाई आगे भी जारी रह सकती है।

बड़ा सवाल: सरकारी मर्यादा कहां गई?

यह मामला सिर्फ एक वायरल वीडियो नहीं, बल्कि सरकारी कर्मचारियों के आचरण पर बड़ा सवाल है। लोग पूछ रहे हैं — क्या सरकारी दफ्तर अब मनोरंजन का अड्डा बनते जा रहे हैं? क्या टैक्सपेयर के पैसे से वेतन पाने वाले अधिकारी दफ्तर में मस्ती कर सकते हैं? यह घटना न सिर्फ राजस्थान रोडवेज के लिए शर्मिंदगी का कारण बनी है, बल्कि पूरे सरकारी तंत्र की छवि पर भी धब्बा है।

सोशल मीडिया की ताकत

यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि डिजिटल युग में कोई भी गलती छिप नहीं सकती। सोशल मीडिया अब जनता की अदालत बन चुका है — जो अच्छे कामों को भी सराहता है और गलतियों को भी तुरंत उजागर करता है।

— रिपोर्ट: अब तक भारत न्यूज़ डेस्क

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