“पधारो म्हारे देश” कहकर प्रमोट करने वाला राजस्थान आज महिला अपराधों के मामले में शर्मनाक स्थिति क्यो?
NCRB 2023 रिपोर्ट में खुलासा – दुष्कर्म मामलों में राजस्थान पूरे देश में सबसे ऊपर, 5,193 केस दर्ज। विपक्ष ने सरकार से इस्तीफा मांगा, महिलाएं सुरक्षा को लेकर चिंतित।
Rajasthan Crime: NCRB रिपोर्ट का चौंकाने वाला खुलासा — दुष्कर्म मामलों में राजस्थान पूरे देश में अव्वल
जयपुर. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2023 की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान पूरे देश में सबसे ऊपर है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में राज्य में 5,193 दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए — एक चिंताजनक आँकड़ा जिसने प्रदेश की कानून-व्यवस्था और राजनीति दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रिपोर्ट के प्रमुख आँकड़े
NCRB की 'Crime in India 2023' रिपोर्ट के प्रमुख तथ्य इस प्रकार हैं:
- 2023 में देश भर में कुल 62,41,569 संज्ञानात्मक अपराध दर्ज हुए — जो 2022 की तुलना में लगभग 7.2% अधिक हैं।
- महिलाओं के खिलाफ कुल 4,48,211 अपराध दर्ज हुए — यह पिछले 10 साल का उच्चतम आंकड़ा है।
- राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ कुल 45,450 मामले दर्ज हुए और दुष्कर्म में राज्य 5,193 मामलों के साथ सबसे ऊपर रहा।
सरकार और पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस और प्रशासन का कहना है कि महिला अपराधों के मामलों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है और हर शिकायत पर त्वरित जांच शुरू की जाती है। अधिकारियों का यह भी कहना है कि बढ़े हुए आंकड़े आंशिक रूप से सुधारती रिपोर्टिंग प्रवृत्ति का भी परिणाम हो सकते हैं — यानी अब अधिक पीड़ित शिकायत दर्ज करा रही हैं।
राजनीतिक विवाद — विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
NCRB डेटा जारी होते ही विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेसी प्रवक्ता ने कहा कि दुष्कर्म और महिला अत्याचारों के मामलों में हुई वृद्धि सरकार की नाकामी को दर्शाती है और जब तक प्रशासन जवाबदेह उपाय नहीं करेगा, तब तक यह मुद्दा गरम बना रहेगा। कुछ स्थानों पर इस्तीफे की माँगें भी उठीं।
महिलाओं और सामाजिक समूहों की माँगें
महिला संगठनों और आम महिलाओं ने सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उनकी प्रमुख मांगें हैं:
- रात में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए।
- सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन।
- सेल्फ-डिफेंस ट्रेनिंग और जागरूकता अभियान तेज किए जाएँ।
- एफ़आईआर दर्ज होने के बाद पीड़ितों के लिए त्वरित और संवेदनशील सहायता उपलब्ध कराई जाए।
विश्लेषण — क्या यह रिपोर्टिंग में वृद्धि का संकेत है?
विशेषज्ञों का कहना है कि NCRB डेटा उपयोगी है लेकिन केवल संख्याओं को देखकर पूरा निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं। रिपोर्टिंग में वृद्धि, पुलिस रिकॉर्डिंग पद्धतियों में परिवर्तन और वास्तविक घटनाओं में वृद्धि — इन तीनों का अलग-अलग विश्लेषण आवश्यक है। नीतिनिर्माताओं को डेटा के आधार पर लक्षित नीतियाँ और रोकथामात्मक कदम उठाने होंगे।
NCRB 2023 की रिपोर्ट राजस्थान के लिए एक चेतावनी है। दुष्कर्म और महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बढ़ती संख्या समाज, प्रशासन और सरकार—तीनों के लिए चिंता का विषय है। अब ज़रूरत है कि सरकार, पुलिस और नागरिक समाज मिलकर प्रभावी, पारदर्शी और त्वरित कदम उठाएँ ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो और राजस्थान की सांस्कृतिक-पर्यटनिक छवि पर भी आसानी से असर न पड़े।
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