Rajasthan Politics: पंचायत चुनाव से पहले भजनलाल कैबिनेट विस्तार की तैयारी, 6 नए चेहरों को मिल सकता है मौका!

Rajasthan Cabinet Expansion 2025: पंचायत और निकाय चुनाव से पहले राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज। भजनलाल सरकार में 6 नए मंत्री शामिल हो सकते हैं, जबकि कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी भी तय मानी जा रही है। जानें किसे मिल सकता है मौका।

Oct 1, 2025 - 13:59
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Rajasthan Politics: पंचायत चुनाव से पहले भजनलाल कैबिनेट विस्तार की तैयारी, 6 नए चेहरों को मिल सकता है मौका!
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Rajasthan Politics: पंचायत चुनाव से पहले कैबिनेट विस्तार की चर्चा तेज, 6 नए चेहरों को मिल सकता है मौका

Rajasthan Cabinet Expansion 2025: राजस्थान की राजनीति इन दिनों कैबिनेट विस्तार की खबरों से गर्म है। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा आगामी पंचायत और निकाय चुनावों से पहले मंत्रिमंडल विस्तार करने की तैयारी में हैं। माना जा रहा है कि 6 नए चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है, वहीं कुछ मौजूदा मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड देखकर उनकी छुट्टी भी हो सकती है।

अभी 24 मंत्री, 6 पद खाली

राजस्थान विधानसभा में अधिकतम 30 मंत्री हो सकते हैं। फिलहाल भजनलाल सरकार में 24 मंत्री हैं – जिनमें 12 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्य मंत्री, 2 उप-मुख्यमंत्री और 1 मुख्यमंत्री शामिल हैं। इसका मतलब है कि 6 और मंत्रियों को शामिल करने की गुंजाइश है। लंबे समय से यह विस्तार टल रहा था, लेकिन अब चुनावी तैयारी के लिहाज से यह जरूरी माना जा रहा है।

कुछ मंत्रियों की छुट्टी भी संभव

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस विस्तार में सिर्फ नए चेहरों को जगह नहीं दी जाएगी, बल्कि कुछ मौजूदा मंत्रियों को बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। गुजरात में हाल ही में हुई भाजपा विधायकों की कार्यशाला में राजस्थान के मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड पेश किया गया था। माना जा रहा है कि जिन मंत्रियों का प्रदर्शन औसत या खराब रहा है, उन्हें कैबिनेट से हटाकर संगठन में भेजा जा सकता है।

जातीय और क्षेत्रीय समीकरण पर फोकस

राजस्थान में आगामी पंचायत और निकाय चुनाव भाजपा सरकार के लिए पहली बड़ी परीक्षा होंगे। ऐसे में पार्टी नेतृत्व चाहता है कि कैबिनेट विस्तार के जरिए जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधा जाए। खासकर शेखावाटी, आदिवासी बहुल क्षेत्रों और पूर्वी राजस्थान में पार्टी को पिछली बार झटके लगे थे। इस बार भाजपा इन इलाकों में नए चेहरों को शामिल कर संतुलन बनाने की कोशिश करेगी।

RSS और वसुंधरा गुट को भी प्रतिनिधित्व

भाजपा नेतृत्व इस बार कैबिनेट विस्तार को लेकर बेहद सतर्क है। पार्टी चाहती है कि इसमें संघ और वसुंधरा राजे गुट, दोनों को संतुलित प्रतिनिधित्व मिले। इससे गुटबाजी पर काबू पाने और सरकार को एकजुट करने का संदेश जाएगा।

राजनीतिक नियुक्तियों की झड़ी

कैबिनेट विस्तार के साथ-साथ प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों की सुगबुगाहट भी बढ़ गई है। अब तक 9 बोर्ड और आयोगों में नियुक्तियां हो चुकी हैं, लेकिन 60 से अधिक पद अभी भी खाली हैं। इनमें महिला आयोग, RTDC, हाउसिंग बोर्ड और 20 सूत्री कार्यक्रम जैसी अहम जिम्मेदारियां शामिल हैं।

इन नेताओं के नाम चर्चा में

  • पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी
  • पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया
  • पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़
  • पूर्व राज्यसभा सांसद नारायण पंचारिया
  • कांग्रेस से भाजपा में आए महेन्द्रजीत सिंह मालवीया
  • सुमन शर्मा और पूजा कपिल मिश्रा

इन नेताओं में से कुछ को बोर्ड-आयोग की जिम्मेदारी मिल सकती है तो कुछ को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर विचार हो रहा है।

आलाकमान से चर्चा के बाद फैसला

सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा हाल के दिनों में कई बार दिल्ली गए और भाजपा शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इन दौरों में कैबिनेट विस्तार और फेरबदल को लेकर गहन चर्चा हुई। अब आलाकमान की सहमति मिलते ही कैबिनेट विस्तार की औपचारिक घोषणा हो सकती है।

राजस्थान में पंचायत और निकाय चुनाव से पहले कैबिनेट विस्तार सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि रणनीतिक कदम है। भाजपा चाहती है कि वह जातीय समीकरण साधकर और सभी गुटों को साथ लेकर चुनावी मैदान में उतरे। ऐसे में यह विस्तार राज्य की राजनीति में नए समीकरण तय कर सकता है।

अब देखना होगा कि किसके हाथ से मंत्रालय जाता है और किसे नया मौका मिलता है।

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